कुलगुरु द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों व विद्यर्थियों को प्रेरित किया तथा मोटे अनाज व जैविक उत्पाद का महत्व बताया। वही डॉ सिंह द्वारा स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर को आईसीएआर, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त होने पर बधाई प्रेषित की साथ ही श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए। कार्यक्रम में उपस्थित विश्विद्यालय के कुलगुरु डॉ मुकेश तिवारी, परीक्षा नियंत्रक डॉ संजय राठौर, समस्त विभागों के विभाग अध्यक्ष, कार्यक्रम समन्वयक घनश्याम बामनिया, समस्त स्टाफ, स्कूल ऑ$फ एग्रीकल्चर के सहायक प्राध्यापक वीरबल कुशवाह, राजमल अटेरिया, शेखर गौतम दोहरे, संदीप कुमार रेकवाल, कीर्ति मालवीय, हजरा पंचोली, स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर के समस्त विद्यार्थी उपस्थित हुए। कार्यक्रम का सफल संचालन दीपिका नेमा व आयुषी नामदेव ने किया तथा आभार व्यक्त डॉ विवेक सिंह तोमर द्वारा किया गया।
सीहोर। श्री सत्य साईं प्रौद्योगिकी एवं चिकित्सा विज्ञान विश्विद्यालय की कृषि इकाई स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर के तत्वाधान में अतिथि व्याख्यान का आयोजन देश मे प्राकृतिक खेती के भविष्य पर किया गया जिसमें मुख्य अतिथि भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल के पूर्व निदेशक एवं प्रमुख वैज्ञानिक डॉ एबी सिंह पधारे। यह कार्यक्रम माननीय कुलगुरु डॉ मुकेश तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम संचालक डॉ विवेक सिंह तोमर अधिष्ठाता स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर के सहयोग से कार्यक्रम संचालित हुआ। डॉ सिंह ने भारत में प्राकृतिक खेती का महत्व बताया साथ ही प्राकृतिक खेती में उपयोग होने वाले जीवामृत, पंचामृत, जैविक खाद आदि के महत्व को बताया। तथा अपने व्याख्यान में मृदा सवास्थ्य एवं मानव स्वास्थ्य के मध्य सह संबंध, प्राकृतिक खेती के अवयव, प्राकृतिक एवं जैविक खेती के बीच अंतर को अत्यधिक रोचक ढंग से सभागार में उपस्थित स्टाफ एवं छात्रों को समझाया। अपने उद्बोधन में अपने स्वस्थ जीवन के लिए प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें