इस कार्यक्रम में, डॉ. अनुप दास अपने संबोधन में आधुनिक कृषि में प्रौद्योगिकी के क्रांतिकारी प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "भविष्य की कृषि उन्नत तकनीकों के सहज एकीकरण में निहित है। ए आई-आधारित विश्लेषण, आईओटी-आधारित निगरानी और स्मार्ट स्वचालन से सटीक खेती को बढ़ावा मिलेगा, संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित होगा और जलवायु चुनौतियों का समाधान होगा। यह सहयोग किसानों और राष्ट्र के लिए एक भविष्य-उन्मुख कृषि पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।" साथ हीं इस दृष्टिकोण को साझा करते हुए, डॉ. आनंद कुमार सिन्हा ने इस साझेदारी को अकादमिक शोध और व्यावहारिक कृषि अनुप्रयोगों के बीच की खाई को पाटने में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, "यह समझौता अंतःविषयक अनुसंधान और तकनीकी नवाचारों का मार्ग प्रशस्त करेगा, जो स्मार्ट कृषि के भविष्य को परिभाषित करेंगे।"
इस अवसर पर, भूमि एवं जल प्रबंधन प्रभाग के प्रमुख, डॉ. आशुतोष उपाध्याय ने एआई, मशीन लर्निंग (एमएल), डीप लर्निंग और आईओटी-आधारित सिंचाई प्रणालियों के महत्व पर जोर दिया और बताया कि इन स्मार्ट तरीकों से जल प्रबंधन द्वारा कृषि में क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत पी एम ई सेल प्रभारी, डॉ. अभय कुमार द्वारा औपचारिक स्वागत भाषण एवं सफल समापन डॉ. आरती कुमारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुई। इस कार्यक्रम के सुचारू आयोजन में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री पुष्पनायक, वित्त एवं लेखा अधिकारी, श्री रजत दास और भूमि एवं जल प्रबंधन प्रभाग के सभी वैज्ञानिकों जैसे डॉ बिकाश सरकार, डॉ शिवानी, डॉ अजय कुमार, डॉ मणिभूषण, डॉ. पी.के. सुंदरम, डॉ. पवन जीत, डॉ वेद प्रकाश और डॉ. आरती कुमारी आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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